मुंबई, 28 फरवरी 2025 – “राष्ट्रग्रंथ”, एक अद्भुत दो-अंकी नाटक का मुंबई स्थित गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में आयोजन हुआ। इस नाटक में भारतीय संविधान और उसकी आधुनिक प्रासंगिकता को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया है, एशिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विधि महाविद्यालय में हुए इस विशेष नाट्य प्रदर्शन को छात्र-समूह और शैक्षणिक समुदाय से शानदार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। यह नाटक लॉ कॉलेज के मराठी मंडल द्वारा आयोजित किया गया था।

एक प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति

“राष्ट्रग्रंथ” ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नाटक में 51 कलाकारों का एक अद्वितीय दल, मिलिंद जोशी द्वारा रचित मौलिक संगीत और गीत, चैताली डोंगरे द्वारा डिजाइन की गई वेशभूषा, और 15 से अधिक ऐतिहासिक स्थलों का भव्य मंचन था। नाटक की निर्माण संस्था, आर्टिस्टिक ह्यूमन्स, अपने अनोखे विषय प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है। इससे पूर्व इस संस्था ने महाराष्ट्र के सांस्कृतिक विभाग के साथ मिलकर “एक ही दिन में 75 शो” का आयोजन करके एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। पिछले वर्ष “पृथ्वी चे शेतकरी” नामक नाटक प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त थी।

उद्घाटन समारोह में हुआ गौरवपूर्ण आयोजन

इस नाटक का उद्घाटन 26 जनवरी को हुआ, जिसमें संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोते, श्री भीमराव यशवंत आंबेडकर ने भाग लिया। नाटक के लेखकों, प्रसाद थोरवे और अभिराम भडकमकर, और निर्देशक कुमार सोहोनी ने इस नाटक की विशेषता और महत्व को विस्तार से बताया। नाटक के दो स्तंभ ऐसे है जो रंगभूमि की दुनिया के सम्मानित नाम है। कुमार सोहोनी और अभिराम भडकमकर, एनएसडी के पूर्व छात्र और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित है। इस नाटक की संकल्पना और निर्माण कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगितामे अनेक पुरस्कार विजेता युवा रंगकर्मी दर्शन महाजन ने किया है।
दर्शकों और विशेषज्ञों से मिली सराहना
गवर्नमेंट लॉ कॉलेज की प्राचार्या, डॉ. अस्मिता वैद्य ने इस नाटक की प्रशंसा करते हुए कहा, “राष्ट्रग्रंथ” नाम स्वयं में ही बहुत प्रभावशाली है, और जब मुझे पता चला कि यह भारतीय संविधान पर आधारित है, तो मुझे लगा कि इसे हमारे कॉलेज में प्रदर्शित किया जाना ही चाहिए। इस नाटक ने संविधान की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। लोकतंत्र की भावना को जीवंत रूप से प्रस्तुत करने वाले इस नाटक ने मुझे प्रभावित किया। हमें सिर्फ एक-दो शो तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि 75 शो से भी अधिक हो ताकि हम भारतीय लोकतंत्र के 75 वर्षों का उत्सव मना सकें।”
नाटक की विशेषताएँ और ऐतिहासिक महत्व

लेखक अभिराम भडकमकर ने इस नाटक के बारे में कहा, “संविधान पर कहानी सुनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। हमने इस नाटक को इस तरह से तैयार किया है कि यह दिखा सके कि संविधान केवल विधायकों के लिए ही नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह केवल ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं है—यह एक शक्ति है जो हमारे जीवन को हर दिन आकार देती है।”
नाटक की प्रमुख विशेषताएँ:
- राष्ट्रीय नाटक: 51 पात्रों और विविध कहानियों के माध्यम से भारतीय लोकतंत्र का उत्सव।
- भव्य दृश्य और ऐतिहासिक पुनर्रचना: 15 से अधिक ऐतिहासिक स्थलों का भव्य मंचन
- गहन शोध प्रक्रिया: विशेषज्ञों की मदद से संवैधानिक इतिहास के गहरे संशोधन के साथ तैयार किया गया नाटक।
- सशक्त निर्देशन: वरिष्ठ निर्देशक कुमार सोहोनी का 121वां नाटक
- मौलिक संगीत और गीत: प्रसिद्ध संगीतकार मिलिंद जोशी द्वारा रचित प्रेरणादायक धुनें और गीत
- वेशभूषा: चैताली डोंगरे द्वारा डिज़ाइन की गई वेशभूषा, जो नाटक की यथार्थता को बढ़ाते हैं।
संविधान जागरूकता का प्रभावी प्रयास
“राष्ट्रग्रंथ” की टीम का मानना है कि कला में शिक्षा, प्रेरणा, और परिवर्तन लाने की शक्ति होती है। यह नाटक संविधानिक साक्षरता को युवा पीढ़ी के लिए रोचक और सुलभ बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। नाटक की सफलता के बाद, इसे अन्य शिक्षण संस्थानों और सांस्कृतिक मंचों पर भी प्रदर्शित करने की योजना बनाई जा रही है ताकि अधिक से अधिक लोग संविधान और उसके महत्व को समझ सकें।
संपर्क विवरण
यदि आप इस नाटक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या टीम से संपर्क करना चाहते हैं, तो आप उनके सोशल मीडिया पेज @theartistichumans पर , या 9930732829 , या या वेबसाइट www.theconstitutionplay.com पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
“राष्ट्रग्रंथ” न केवल भारतीय संविधान की गहरी समझ को बढ़ावा देने वाला एक सांस्कृतिक प्रयास है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की शक्तियों और उसकी स्थायिता का उत्सव भी है, जो दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक बना रहेगा।